陰陽師
天儀における陰陽師とはその「アヤカシ」を再構成する存在である。
彼らは言う「アヤカシとは一部を除いてそもそも実体など存在しない。
ならばそれを新たに形作ることは可能である」と。
上位アヤカシと交信する技術は一般には伝播してはならないものとされており、
奥義書ともなれば、剣技以上にどの伝承は厳密に管理されている。
アヤカシを再構成することから、ともすれば魔法使いのように思われがちの彼らであるが、
実際はアヤカシを再構成し、召還・使役するだけの存在であって、
神巫女やシノビほどの汎用性は存在しない。
したがって、自分が召還できるアヤカシよりも強いアヤカシとの戦いの際には
誰かの補助を受けるか、さもなくば自分から格闘戦を挑むほかない。
一般的には内向的な人間が多いと思われがちだが性格は多岐にわたる。
ただ共通していえることは、変わり者が多いということだろう。
能力値選択数:2
L |
体 |
器 |
俊 |
直 |
知 |
精 |
幸 |
生 |
練 |
気 |
装 |
1 |
20 |
30 |
20 |
40 |
40 |
20 |
20 |
40 |
60 |
20 |
70 |
2 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
3 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
◎ |
◎ |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
4 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
5 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
6 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
7 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
8 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
9 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
10 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
L |
体 |
器 |
俊 |
直 |
知 |
精 |
幸 |
生 |
練 |
気 |
装 |
11 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
12 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
13 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
14 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
15 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
16 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
17 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
18 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
19 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
20 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
L |
体 |
器 |
俊 |
直 |
知 |
精 |
幸 |
生 |
練 |
気 |
装 |
21 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
22 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
23 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
24 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
25 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
26 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
27 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
28 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
29 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
30 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
L |
体 |
器 |
俊 |
直 |
知 |
精 |
幸 |
生 |
練 |
気 |
装 |
31 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
32 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
33 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
34 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
35 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
36 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
ー |
37 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
38 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
39 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
40 |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
L |
体 |
器 |
俊 |
直 |
知 |
精 |
幸 |
生 |
練 |
気 |
装 |
41 |
◎ |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
ー |
42 |
ー |
◎ |
◎ |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
43 |
ー |
ー |
ー |
ー |
◎ |
◎ |
ー |
◎ |
ー |
ー |
◎ |
44 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
45 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
46 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
47 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
48 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
49 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
49 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
50 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
L |
体 |
器 |
俊 |
直 |
知 |
精 |
幸 |
生 |
練 |
気 |
装 |
コメント欄
最終更新:2012年02月06日 10:22